हम सब फिर वही गलती कर रहे है..मत भूलो की आंदोलन भ्रास्तचार के खिलाफ है..ना की सिर्फ़ कांग्रेस या नेता जमात या सरकारी बाबूओ के खिलफ..आप क्या सोचते है की कांग्रेस को हटाने से या संसदो को हटाने से सब पाप ख़त्म हो जाएगा.
नहीं भाई..नहीं..चोर बहुत है..हमारे बीच मे .. सिस्टम सिर्फ़ जाँच के लिए ..मतलब चोरी होने दो..और जाँच चलने दो. पुलिस, कोर्ट, लोकपाल सब जाँच करते रहो..फिर अपनी जेब भरते रहो.
पब्लिक तो बेवकूफ़ है.. बनाओ सब मिलके.
टॅक्स सिस्टम क्यों नहीं बदलते, इनकम को नहीं संपत्ति को पकङो.
वार्षिक इनकम की बजाए वार्षिक संपत्ति की डीटेल लो..सब इंडियन की..
हर नागरिक की वार्षिक संपत्ति डीटेल लो [प्रॉपर्टी, बैंक डेपॉज़िट, शेयर..सब]
संपत्ति पर टॅक्स लगाओ.. इनकम टॅक्स ख़तम करो.
हर नागरिक को यूआईदी दो..
अघोषित या अवैध संपत्ति को जब्त कर लो.. हर आदमी के पास हिसाब होना चाहिए की संपत्ति एक नंबर की हैं कोई दो नंबर की कमाई नहीं हैं..
हर साल हिसाब लो..सबका..और अघोषित या अवैध संपत्ति को जब्त कर लो..
सब नेताओ और लालाओ से हिसाब माँगो, तुम्हारे पास इतनी संपत्ति कहाँ से आई.. दान पर भी लगाम लगाओ..एक लिमिट से ज़्यादा ना दान दे सको ना ले सको.
चोर हम सब है, सिस्टम बनाओ ..2 नंबर की कमाई जमा करना असंभव हो जाए..करप्षन ख़तम हो जाएगा.
इस आंदोलन को पर्सनल मत बनाओ..और लोकतंत्र सिस्टम को ख़तम मत कर दो.
सिर्फ़ नेता या कांग्रेस ही चोर नहीं हैं..
लड़ाई ये नहीं की अन्ना सही हैं या ग़लत..कांग्रेस सहीं है या ग़लत..
हम क्यों लड़ रहे हैं आपस में.. करप्षन भ्रास्तचार से ङो.
सिस्टम बना तो सहीं जिसमे सब फँसे ..
लोकपाल ही क्यों बने सिर्फ़ सरकार और सरकारी बाबू के लिए..
बाकी सब जनता पाक साफ हैं... ये सब चोर, डाकू, ठग, चैन स्नाचर, रेपिस्ट, टॅक्स चोर, जमाख़ोर ये सब कौन हैं - जनता या सरकार ????